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बाल पहेलियाँ / दीनदयाल शर्मा
Kavita Kosh से
१.
जंगल में हो या पिंजरे में
रौब सदा दिखलाता,
मांसाहारी भोजन जिसका
वनराजा कहलाता।
२.
गोल - गोल है जिसकी आँखें
भाता नहीं उजाला,
दिन में सोता रहता हरदम
रात विचरने वाला।
३.
हमने देखा अजीब अचम्भा
पैर हैं जैसे कोई खम्भा
थुलथुल काया बड़े हैं कान
सूंड इसकी होती पहचान।
४.
सरस्वती की सफ़ेद सवारी
मोती जिनको भाते,
करते अलग दूध से पानी
बोलो कौन कहाते ?
५.
कान बड़े हैं काया छोटी
कोमल - कोमल बाल,
चौकस इतना पकड़ सके ना
बड़ी तेज़ है चाल|
उत्तर :
१. शेर
२. उल्लू
३.हाथी
४. हंस
५. खरगोश