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बिछुरे मग जाती सँघाती / तोष

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बिछुरे मग जाती सँघाती मिली चख चाति कै धार सवाती मिली ।

रसना जड़ की सरसाती मिली चित सूम को सोन की थाती मिली ।

जड़ बूड़ति नाव सोहाती मिली बिरहा कतलान की काती मिली ।

कहि तोष सबै सुख पाती मिली सजनी पियपानि की पाती मिली ।


तोष का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल महरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।