भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बिजुरी छिटकि गेल, उड़ि परि गेल / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बिजुरी छिटकि गेल, उड़ि परि गेल
हमरो बालमु दूर देश चलि गेल
मरिहऽ बंगालिन बेटी तोरो जेठ भाय
हमरो बालुम जी के राखलें लोभाय
जुनि गरिआबह जुनि दऽ सराप
अपन बालुम जी के लियऽ समुझाय
बिजुरी छिटकि गेल उड़ि परि गेल
हमरो बालमु दूर देश चलि गेल