अम्बर-अम्बर धरती डोले
सागर डोले पानी
नीम की डाल हिंडोला डोले
झूले बिटिया रानी
निसिदिन समय समुन्दर गरजे
मात-पिता की चिन्ता
चिन्ता-अगिन बुझाती बिटिया
हँसती कल-कल पानी
झूले बिटिया रानी
झूल रही है बानी
‘यहु तत् बदइ गियानी’
अम्बर-अम्बर धरती डोले
सागर डोले पानी
नीम की डाल हिंडोला डोले
झूले बिटिया रानी
निसिदिन समय समुन्दर गरजे
मात-पिता की चिन्ता
चिन्ता-अगिन बुझाती बिटिया
हँसती कल-कल पानी
झूले बिटिया रानी
झूल रही है बानी
‘यहु तत् बदइ गियानी’