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बिटिया / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
हम अचानक
बड़े हो गए
क्या समय बलवान है
कब काले बालों से
सफेदी झरने लगी
कब बिटिया बड़ी हो गई
कब पिता जी
बूढ़े हो गए
‘‘पापा आप तो बूढ़े हो गए’’
देखो तो जरा
कलम सफेद दिखने लगी
युवा बिटिया
बताती है
बुजुर्ग पिता
सोच रहा है
क्या वाकई सफेदी
झरने लगी है
यानी
बिटिया बड़ी
हो गई