भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बिना कर्म सफलता नहीं / प्रेमलता त्रिपाठी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

बिना कर्म कोई सफलता नहीं है।
सतत साधना से विफलता नहीं है।

भवन हम बना लें नगर भी बसा लें,
मिलन भाव आपस विकलता नहीं है।

सदा राह मानक वयोवृद्ध सेवा,
कभी मन कुपथ पर फिसलता नहीं है।

निशा चाँदनी में नहाती भले हो,
उदासी भरा मन सरसता नहीं है।

जले वेदना रात कैसे बिताये,
वियोगी हृदय भी सँभलता नहीं है।