गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 11 मई 2017, at 12:47
बिना कुछ कहे / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
रंजना जायसवाल
»
दुःख पतंग
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
बिना कुछ कहे
बिखर गया
हरसिंगार
रात के अंधकार में
चुपचाप
सूनी हो गयीं
डालियाँ।