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बिन तुम्हारे है जिंदगी ही नहीं / रंजना वर्मा

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बिन तुम्हारे है जिंदगी ही नही
गम जियादा मिली खुशी ही नहीं

यूँ तो हमदर्द हैं सभी बनते
पर किसी आँख में नमी ही नहीं

कोई रिश्ता न खुशी का निभता
दुख में पर दोस्ती मिली ही नहीं

राज हर ओर है अँधेरे का
मेरी किस्मत में रौशनी ही नहीं

हर कोई है तलाशता फिरता
पर मिला राजे बेबसी ही नहीं

इस तरह क़त्ल लोग करते हैं
दूसरा जैसे आदमी ही नहीं

दोस्त होता तो वफ़ा भी करता
उसने पर दोस्ती तो की ही नहीं