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बिरहा सतावेला बिरहा सतावेला / महेन्द्र मिश्र

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बिरहा सतावेला बिरहा सतावेला।
हम बिरहिनियाँ के बिरहा सतावेला।
तरपेले मीन जइसे जल बीचे नदिया में
ओइसही बेदरदी स्याम हमके तड़पावेला। विरहा।
केकरा से कहीं पीर नयना से ढरे नीर
स्याम बिनु सखि रे नीनीयो ना आवेला।
जब जब इयाद पड़े जान दे दीं मन करे
स्वाती बूंद पपीहा के जइसे तड़पावे ला।
कहत महेन्द्र स्याम करेला बेहाल काम
सारी रे उमिरिया मोरी कलपत बितावेला। हम विरहिनियाँ के।