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बिलैया / दिनेश बाबा
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अगे बिलैय्या फुसू फुसू
पकड़ें जाय केॅ मुसू मुसू
सब देखी घबड़ाबै छै
मुसबां बड़ी सताबै छै
मूसा पकड़ी खहियें तों
घोॅर छोड़ी नै जहियें तों
पहरा तों दिन-रात दिहें
खाय में मच्छी भात लिहें
खैहियें तोहें कुटुर-मुटुर
घूरिहें सगरो फुटुर-फुटुर