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बिल्ली आरो चूहा / दिनेश बाबा

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बुधना तेज तर्रार रहै
चूहा के सरदार रहै
रहै खुराफाती हौ चूहा
लेकिन सदाा फरार रहै
झगड़ा नैं करतै बिल्ली नें
अहिने एक करार रहै
बड्डी जब्बड़ रहै बुधनमां
बड्डी चोखोॅ दाँत रहै
बिल्ली केॅ कै बैर छकैलक
कभी नै हारलो काँत रहै
एक दिना अनचोके बिल्ली
केॅ देखलक कहीं जाय रहै
बुद्धन चोरी चुपके-चुपके
तखनी लड्डू खाय रहै
हैरानी सेॅ बुधना देखलक
जैतें होकरा जबेॅ एकौसी

सोचें लगलै जाय कहाँ छै
आय खना बाघो रोॅ मौसी
बगलियाय केॅ जैतें देखी
डोॅर मूस के भागी गेलै
छेकै जनम-जनम के बैरी
धरम केना आय जागी गेलै

चूहा-अगे बिलैय्या काहाँ जाय छैं
हाथोॅ में लेने तों डंडा
आय पता नैं फेर में के छै
केकरा अब करभैं तों ठंढा

चूहा- म्याँऊ म्याँऊ करी कहलक बिल्ली
मत खराब तोंय करें सगुन
सूनै के इच्छा हूवौ तेॅ
ध्यान सेॅ हमरोॅ बतिया सुन
रोक नैं हमरा, जल्दी में छी
ओझराय गेल छै लच्छी
यै सूता के खुद्दन बान्हीं
जाय छी मारै लेॅ मच्छी
बंसी के बदला डंडा सें
सूता देबै लपेटी
मारबै बडका रेहू, कतला
जेकरोॅ खैबै पेटी

चूहा- लगै छै मारबे टप्पा टोईयाँ
तोरा मारेॅ लेॅ ऐतौ की?
मारी केॅ लानी भी लेबे
मतर कि काटेॅ ऐतौ की?

बिल्ली- दाँत निपोड़ी हमरा देखी
तोंय कत्तो भी हँस नी
मारियो ऐबै काटियो लेबै
छै हँसुआ आरो पसनी

चूहा- ठीक छै, मारबे, काटियो लेबे
पर केना केॅ रान्हबे गे
चुल्हा पर लोहिया राखी केॅ
तों निश्चय ही कानबे गे।
गोस्सा सें ऐंठी केॅ मूंछ
बोललै कड़ा करी केॅ पूंछ

बिल्ली- तों की जानबे डिंगरा बेटा
रिन्हबै छल्लर-मल्लर रे
नैं बेरथ तों देर लगाबें
तों छेखैं बतबल्लर रे

चूहा- ‘ठीक छै’ कहलक पीछू लागी
‘बोल कना मच्छी तों खैभैं
दाँतों में लसकी जैतौ तेॅ
केना केॅ तोंय चिभलैभैं?

बिल्ली- पूछै छैं तेॅ सुनें बतैय्यौ
केना करी हम खैबै नी?
केकरा केकरा हिस्सा देबै
केकरा आरू खिलैबे नी?
कुट्टुर-मुट्टुर हम्में खैबै
आरू खैतै मुन्ना के पप्पा
काल्हू सें मच्छी बिन भेल छै
गाल फूली केॅ हप्पा

चूहा- अच्छा ठीक छौ, केना सुतबे
केकरा कहां सुतैभैं तों
राती दीया जरतें रहतौ
आकि तुरत बुतैभैं तों

बोलतें-बतियैतें भूलोॅ सें
होलै निकट जब मूसा
एक झपट्टा में बिल्ली के
पड़लै होकरा घूंसा
सूता, डंडा कहीं फेंकैलै
किन्हेॅ गेलै खुदनमां
जबडा में दबलो बिल्ली के
हुकरेॅ लगल बुधनमा

चूहा- छोड़ दे मौसी, गोड़ लगै छी
तोंय हमरा मत मारें
दाँत गड़ाय केॅ कहलक बिल्ली

बिल्ली- ढेर दिनो सें सेसर बनले
ले अबरी तों हारें
ई रं बुधना चाल सें अपनों
करलक जान रोॅ हानी जब
बिल्ली चूहा के बूझी जा
भेलै खतम कहानी तब।