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बिल्ली / बाद्लेयर / हेमन्त जोशी
Kavita Kosh से
आओ, मेरी सुन्दर बिल्ली, मेरे प्यार भरे दिल पर
रख अपने पँजे पाँवों के और खेल
डूब जाने दे मुझे अपनी आँखों में सुन्दर
हैं वो धातु और सुलेमानी नग का मेल
जब मेरी उँगलियाँ सहलाती हैं चैन से
तुम्हारा सिर और तुम्हारी पीठ लचीली
जब मेरे हाथ हो जाते हैं मदमस्त उल्लास से
छू कर तुम्हारा शरीर जैसे हो बिजली
मै मन में देखता हूँ अपनी पत्नी को, नज़र जिसकी
तेरी ही तरह, प्यारी सी मेरी जान
गहरी और सर्द, कटन और चीरन जैसे भाले की
और पाँवों से लेकर सिर तक
एक सहज अन्दाज़, एक खतरनाक इतर
तैरती है उसकी भूरी देह के इधर-उधर
मूल फ़्रांसीसी भाषा से अनुवाद : हेमन्त जोशी