Last modified on 24 मई 2018, at 16:39

बिषहरी दुहना / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा

होरे नाग दुहे बैठली हे माता मैना बिषहरी हे।
होरे दुहैते रे दुहैते नागा बांस सन भेले रे॥
होते स्वर प्रणाम भेला दे नागा रोदन करेले रे।
होरे छोड़ी देहो आवे माता मैना बिषहरी रे॥
होरे देहके दरद हे माता जाइछे परान हे।
होरे सिर के दरद हे माता जाइछे परान हे॥
होरे पीठ के दरद हे माता जाइछे परान हे।
होरे तोहार युगती हे माता हमें ना जानल हे॥
होरे नागा मनियार रे मैना रोदन करए रे।
होरे मलते-मलते रे दैवा सुत परमान कइले रे॥
होरे केस सुन भेल रे नागा तेजले परान रे।
होरे ऐसन मलले हे माता नाग मरी गेला हे॥
होरे बोले तो लागली हे मात दोतिला भवानी हे।

होरे अमरित छिटले ते बहिनी नागा के ऊपर हे॥
होरे सोबरन केलोटारे मारतही नागाजिवी उठलि रे।
होरे बई तो चखी हे दैबा नागा मनियार हे॥
होरे नागा लये चलली हे देवी इन्द्रासनराज हे।
होरे बिचही बाट हे माता गिरी पड़ल हे॥
होरे खोजें तो लागल हे माता पांचो बहिनी हे।
होरे खोजते-खोजते हे माता भैगेली थकित हे॥
होरे तयो नहीं मिललो हे माता नागमनियार हे।
होरे पांचो तो बहिनी हे माता रोदन पसारे हे॥
होरे खने तो खोजत हे माता खने कान्दय हे।
होरे कोई तो बहिनी हे माता वोढ़ना आनवे हे॥
होरे कोई तो बहिनी हे माता सूप चालनी आनहे।
होरे बोढ़िये सोढ़िये हे माता गुराब देरी करले हे॥
होरे कोई तो बहिनी हे माता चाले तो लागली हे।
होरे फटकैते चलते हे माता नाग मिली गेले हे॥
होरे सोना के दिया में हे माता नाग के धरले हे।
होरे जाइ तो जुमली हे माता इन्द्रासन राज हे॥
होरे बैठली धोबाए हे माता आपन आवास हे।
होरे मत किये आवे हे माता रचे छै उपाय हे॥
होरे हकार करल हे माता पांचो तो नक्षत्र हे।
होरे आए तो जुमले रे हथिया देवी के हजूर हे॥
होरे चलहा से आवे हे हथियार चौपाई नगर रे।
होरे ऐसन बरसि हे मेघा ठेहुना प्रमान रे॥