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बिहान / रूप रूप प्रतिरूप / सुमन सूरो

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होलोॅ बिहान सब दुनियाँ जागलोॅ
अपना-अपनी कामोॅ में लागलोॅ
चिड़ियाँ चुनमुन गाबेॅ गीत
भौराँ गुन-गुन जोड़े प्रीत
सोझे बथानी पर चलली गाय
हम्बा हम्बा करने जाय
लेरुवा बान्हलोॅ खुट्टा में
घुरि-फुरि मारेॅ झपट्टा वें
नौड़ियाँ पानी आ...नेॅ
गोबर-करसी सा...नेॅ
भनसा घरों बहुरिया पैठलो
लेॅ केॅ हाथोॅ नाही लेॅ
सबटा पाप दाही लेॅ
कन्हा पर होॅर लै चललोॅ किसान
खेंती-बारी जेकरोॅ काम
साहेब सुतलोॅ घरोॅ में
नौकरी करै छोॅत शहरोॅ में।