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बीजी जावा बीजी, हे खोली का गणेश / गढ़वाली
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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बीजी जावा बीजी<ref>जागो जागो हे</ref>, हे खोली<ref>पौर</ref> का गणेश
बीजी जावा बीजी, हे मोरी का नारेण<ref>नारायण</ref>
बीजी जावा बीजी, हे खतरी<ref>क्षेत्रपाल</ref> का खैंडो<ref>तलवार</ref>
बीजी जावा बीजी, हे कूंती का पंडौऊं<ref>पांडव</ref>
बीजी जावा बीजी, हे काँठ्यों<ref>चोरियों का</ref> उदंकारों<ref>प्रकाश</ref>
बीजी जावा बीजी, हे नौखंडी<ref>नौ भाग धरती के</ref> नरसिंह
बीजी जावा बीजी, हे संभु भोलेनाथ
बीजी जावा बीजी, हे रात की चाँदनी
बीजी जावा बीजी, हे दिन का सूरज
बीजी जावा बीजी, हे ऐंच का आगास<ref>आकाश</ref>
बीजी जावा बीजी, हे नीस<ref>नीचे</ref> की धरती
बीजी जावा बीजी, हे नौ खोली का नागों
शब्दार्थ
<references/>