भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बीज / नवनीत पाण्डे

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पेड़ों के नीचे हैं छाया पेड़ों की,
पेड़ों पर लगे फलों में है बीज पेड़ों के
पेड़ों के बीजों में सहेज कर रखे हैं
न जाने कितने अजन्मे पेड़
अजन्मी छाया
अजन्मे फल
छोटी सी बात है
कहीं कोई दख़ल नहीं किसी का
सारी करामात है एक नन्हें बीज की
बिना बीज
पेड़ कहां, फल कहां?
आज कहां, कल कहां?