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बीबी की दादी रानी जी से अरज करै / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बीबी की दादी रानी जी से अरज करै
बिटिया की अम्मा बाबुल जी से अरज करै
बिटिया ऐसे घर दीजो जी पलंग बैठी राज करै
सोने का पलका जी बैठी हुक्म करै
सोने की झारी जी चौका बैठी दातुन करै
छोटे देवर नन्नदें ‘भाभी’ ‘भाभी’ नित ही करैं
बन्ना राजकुंवर सा जी सब कुछ न्यौछावर करै
बीबी की चाची ताई भाभी जीजी अरज करै
लाडो ऐसे घर दीजो जी रानी बनी हुक्म करै
ससुर राजा दसरथ से औ कौसल्या सास मिलै
वर तो कुंवर कन्हैया जी ‘रानी’ ‘रानी’ नित ही करै