हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बीबी दूर खेलण मत जा
साजन आज आवेंगे
लाडो दूर खेलन मत जा
साजन आज आवेंगे
मैं तो खेलूं अपने बाबा जी की पोली
बाबल जी की पोली
साजन आज आवेंगे
लाडो गिरद गई असमान
हात्थी के होद्दे आवेंगे
नाई का दूध पखालों उनके पैर
भोजन देइओ खान नै
नाई का झाड़ बिछाईयो उनकी खाट
कुसामद करिओ भोत घणी
बीबी दूर खेलन मत जा
साजन आज आवेंगे