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बीमार दोस्त / अदनान कफ़ील दरवेश

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मैं अपना हाथ
बढ़ाता हूँ
उसके ख़त की तरफ़
और फिर वापिस खींच लेता हूँ

उसका ख़त
तप रहा है
ठीक उसके माथे की तरह !

(रचनाकाल: 2016)