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बीमार बच्चे की माँ / हरीश करमचंदाणी
Kavita Kosh से
दुनिया की सबसे दुखी औरत होती हैं
पर कमज़ोर नहीं होती
बीमार बच्चे की माँ
वह जोरो से रेडियो चलाते
पड़ोसी से लेकर
लापरवाह डॉक्टर तक
सबसे लड़ सकती हैं
उसे जरा सा भी शक हो जाये
दवा के बारे में
केमिस्ट का गला पकड़ सकती हैं
अपने जेंटिलमेन पति की तरह
मिमिया कर चुप नहीं रह जाती
बीमार बच्चे की माँ
अस्पताल में भर्तीबच्चा
जब बेचैनी से बदलता हैं करवट
वह ऊँघते जेठ को
झकझोर कर उठा सकती हैं
जिससे उम्र भर करती रही पर्दा
बीमार बच्चे की माँ को कुछ नहीं भाता
पति का साथ भी नहीं सुहाता
हर वक़्त घेरे रहती हैं उसे बच्चे की पीड़ा
आप बच्चे की वेदना माप सकते हैं देख कर माँ का चेहरा