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बीमार / देवेन्द्र रिणवा

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रात एक लम्बी जेल
सज़ा
नींद का न आना
 
ऐसे में
धीरे से बदलना करवट
दर्द को जज़्ब कर जाना
रोक देना कराह को
होठों की सीमा के अन्दर
दबे पाँव उठकर
पी लेना पानी
कि सोया है पास कोई
खलल न हो
 
बीमारी से ग्रस्त
आदमी के भीतर
है कोई
जो बीमार नहीं है