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बुढ़िया ढार / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा

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होरे साजे तो लगलेरे बनियाँ बालाके बरियातरे।
होरे कपड़ा पिन्हावे रे बनियाँ चान्दो सौदागर रे॥
होरे साजे बरियात रे चान्दो कैल के तइयार रे।
होरे आये तो जुमली हे माता मैना बिषहरि रे॥
होरे बोले तो लागल हे माता चन्दो से जबाब हे।

होरे बेटवा बिहावे चाँदो पूजा मोर देहो रे।
होरे बेटा के बियाह रे चान्दो घर पलटईबौ रे॥
होरे धन तो सभ्पति रे बनियाँ देवउ अनेक रे।
होरे सतना सुनिये बनियाँ दईलै बहिआयो रे॥
होरे भागीये पेहेली माता पांचो ते बहिन हे।
होरे काँदो ते लगले हे माता मैना बिषहरी रे॥
होरे बड़ी रे गरेबी जे छई चांदो सौदागर रे।
होरे पूजा नहीं देबे रे बनियाँ चान्दो सौदागर रे॥
होरे कोहबर घर रे बनियाँ बालका के डंसायबो रे।
होरे मउरी चढ़इते रे बनियाँ छींक परी गेले रे॥
होरे अछत चढ़इते बनियाँ छीक परी गेले रे।
होरे छींके ही चलल रे दैवा बाला बरियात रे॥
होरे एक कोस गेलै रे बाला दुई कोस गेलौ रे।
होरे तेसरी कोस रे बाला ऊजानी नगर रे।
होरे बाला बरियात रे दैवा लागल दुआरी रे॥
होरे सखी दस आवे हे मानिको आनल बुलाय रे।
होरे चलहु से आवे हे मनिको दुलहा चुमावै रे॥
होरे पाँच फल आवे हे मनिको डालिया साजल हे।
होरे चौमुख दिया हे मनिको लिया साजल हे॥
होरे सिन्दूरा के कियागे मनिको डलिया साजलगे।
होरे दुबा-धान आवेगे मनिको डालिया साजलगे॥
होरे पान जे सुपारीगे मनिको डलिया साजलगे।

होरे जाये ते लागली गे मनिको दुआरी के पार रे॥
होरे देखल बरियात रे दैवा मनिको साहुनी रे।
होरे चिन्हलो ना जाये दुलहा बाला लखिन्दर रे॥
होरे चली भेली आवे हे मनिको सुनहर घर रे।
होरे जाय जुमली हे साहुनी बिहुला केर पास रे॥
होरे सुतली जे छीले रे दैवा विहुला सुन्दरी रे।
होरे नींद से जगावे हेमनिको बिहुला के आवे हे॥
होरे कांच नींद आवेगे बिहुला उठली चिहायरे।
होरे कहे तो लागली बिहुला अम्मा से आवे गे॥
होरे कौन तो कारण गे माता मोरा के जगौला रे।
होरे आएल बरियात गे बिहुला लागल दुआरी गे॥
होरे चिन्हलोने जायेगे बिहुला बाला लखिन्दर गे।
होरे काही बरु भेली गे बिहुला बरात देखाये गे॥
होरे देखि बरियात गे बिहुला बोले लागली हे।
होरे एक ही छत्र जे छव बरियाती लोग हे॥
होरे दोसरी जे छव छई दुलहा हमार हे।
होरे कुशमी रंगल कपड़ा हे माता जे पहिरन हे॥
होरे चुमहो से आवे माता दुलहा हमार हे।
होरे सखी दस मिली हे साहुनी चलली चुमावे हे॥
होरे देखले से आवे रे बनियाँ चांदो सौदागर हे।
होरे हेमन्त बाढ़ी डांटि रे बनियाँ लेले बहियाये हे॥
होरे बोलहे लागल रे बनियाँ चांदो सौदागर रे।
होरे बारह बरस केर बाला लखन्दर रे॥
होरे तरणी तिरिया रे दैबा मुरली गिरफता रे।
होरे दुवार ना चुमावे हे मनिको बाला लखन्दर रे॥


बुढ़िया ढार

आहे कमल बदनी राम हे गाम के बुढ़िया आनला बुलाय हे।
आहे कमल बदनी राम हो चुमावो से बाला लखन्दर हे॥