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बुतरु मुस्कैलै / मृदुला शुक्ला
Kavita Kosh से
चाँद-सितारा,
सब ठो प्यारा,
नूनू के घर ऐलै।
रंग-बिरंगा
नीला-पीला
मन केॅ फूल लुभैलै।
परियो छोटोॅ
नुनुओ छोटोॅ
संगे गाबै-खेलै।
पापा ऐलै
टौफी लेले
बुतरू सब मुस्कैलै।