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बुरे समय का प्रणय गान / बैर्तोल्त ब्रेष्त / देवेन्द्र मोहन

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तब हम दोनों में मैत्री नहीं थी
फिर भी लगा नहीं प्रेम बहुत जल्द हो गया है
और हम एक दूसरें की बाहों में सिमटे रहे
चान्द से ज़्यादा एक-दूसरे से अजनबी ।

आज कहीं मिले होते बाज़ार में
तो शायद
लड़ रहे होते मछली की क़ीमत को लेकर

उस समय हम दोनों में दोस्ती नहीं थी
फिर भी जकड़े होते
एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेन्द्र मोहन