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बुलडोजर एक विचार है / विष्णु नागर
Kavita Kosh से
बुलडोजर एक विचार है
जो एक मशीन के रूप में सामने आता है
और आँखों से ओझल रहता है
बुलडोजर एक विचार है
हर विचार सुन्दर नहीं होता
लेकिन वह चूँकि मशीन बन आया है तो
इस विचार को भी कुचलता हुआ आया है
कि हर विचार को सुन्दर होना चाहिए
बुलडोजर एक विचार है
जो अपने शोर में हर दहशत को निगल लेता है
तमाशबीन इसके करतब देखते हैं
और अपने हर उद्वेलन पर ख़ुद
बुलडोजर चला देते हैं
जब भी देखो मशीन को
इसके पीछे के विचार को देखो
वरना हर मशीन जिसे देखकर बुलडोजर का ख़याल तक नहीं आता
बुलडोजर साबित हो सकती है ।