पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बुला तोरी बहिन खऽ ते धोहे तोरा पाय रे
हीरा बेटा ली जा दारी, नाम हजारी रखा ले
तू हा- हा हारी
सोने की चिड़िया बोले चूं।।
दूर-दूर सी आयी ओ समधन,
बड़ निच्च्अ् उतर जा तू हॉ- हॉ हारी
सोन्ने की चिड़िया बोले चू।।
बुला तोरी बहिन खऽ ते धोहे तोरा पाय रे
हीरा बेटा ली जा दारी, नाम हजारी रखा ले
तू हा- हा हारी
सोने की चिड़िया बोले चूं।।
दूर-दूर सी आयी ओ समधन,
बड़ निच्च्अ् उतर जा तू हॉ- हॉ हारी
सोन्ने की चिड़िया बोले चू।।