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बेटा तू मेरा मोती है / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
वह देखो तारा निकला है
रजनी का प्यारा निकला है
झिलमिल झिलमिल चमक रहा
खिलखिल खिलखिल झलक रहा
श्याम गगन में ऐसा लगता
जैसे अंगारा निकला है
किसी सीप का यह मोती है
बेटा तू मेरा मोती है
तुलसी चौरा पर जो बाला
वही दीप ऊपर उछला है।
लल्ला अब तू सो जाना
प्यारे बेटे सो जाना
सभी ओर अंधियारा है पर
तू मेरा तारा उजला है।
वह देखो तारा निकला है
रजनी का प्यारा निकला है