भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बेटी होने की खुशी / रचना श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
					
										
					
					बेटी होने की खुशी 
बेटी होने की खुशी 
अब सिर्फ़
वेश्याएँ मनाएँगी 
समाज के ठेकेदारों के घर 
बेटियाँ कोख मे 
दफ़न कर दी जाएँगी
काश!
गर्भ का अंधकार छोड़
वो दुनिया का उजाला देख पाती
	
	