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बेड़ियाँ / हो ची मिन्ह
Kavita Kosh से
1
एक विकराल राक्षस की तरह
अपना भूखा मुँह खोले
हर रात बेड़ियाँ लोगों के पैर निगल लेती हैं
उनके जबड़े हर क़ैदी का दाहिना पैर दबोच लेते हैं
केवल बायाँ पैर
मुड़ने और फैलने के लिए मुक्त रह जाता है ।
2
फिर भी एक अजीब बात इस दुनिया में है
लोग बेड़ियों में अपने पैर डालने के लिए दौड़ते हैं ।
एक बार बेड़ी पड़ जाने पर
वे शान्ति से सो पाते हैं
अन्यथा सिर छुपाने की जगह भी
उन्हें नहीं मिलती ।