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बेड रेस्ट / संजीव ठाकुर
Kavita Kosh से
खेला खेल निराला
चीकू, गुड़िया, माला।
चीकू हो गया डॉक्टर,
माला कम्पाउंडर,
गुड़िया है भारी बीमार!
तीली बन गई सुई
गुड़िया बोली ऊई!
मिट्टी बनी दवाई,
गुड़िया ने झट खाई!
मम्मी बोली बहुत खेल ली
सबक नहीं करना क्या याद?
पेट पकड़कर गुड़िया बोली
पूछो न डॉक्टर भैया से
बेड रेस्ट करना है आज!