बेनियाज़-ए-ग़म-ए-पैमान-ए-वफ़ा हो जाना
तुम भी औरों की तरह मुझ से जुदा हो जाना
मैं भी पलकों पे सजा लूँगा लहू की बूँदें
तुम भी पाबस्ता-ए-ज़ंज़ीर-ए-हिना हो जाना
ख़ल्क़ की संगज़नी मेरी ख़ताओं का सिला
तुम तो मासूम हो तुम दूर ज़रा हो जाना
अब मेरे वास्ते तरियक़ है इल्हाद का ज़हर
तुम किसी और पुजारी के ख़ुदा हो जाना