Last modified on 7 सितम्बर 2020, at 10:53

बेनूर है हर रात हर मंज़र बेनूर / रमेश तन्हा

 
बेनूर है हर रात हर मंज़र बेनूर
बे-कैफ़ ख़यालात के पैकर बेनूर
हर कारे-हयाते-गुजरां भी बे-सम्त
लम्हाते-गुरेजां भी हैं शश्दर बेनूर।