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बेबसी का कोई दरमाँ नहीं करने देते / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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बेबसी का कोई दरमाँ नहीं करने देते
अब तो वीराना भी वीराँ नहीं करने देते
दिल को सदलख़्त<ref>सैकड़ों टुकड़े</ref> किया सीने का सदपारः<ref>सैकड़ों टुकड़े</ref> किया
और हमें चाक गरेबाँ नहीं करने देते
उनको इस्लाम के लुट जाने का डर इतना है
अब वो काफ़िर को मुसलमाँ नहीं करने देते
दिल में वो आग फ़रोज़ाँ है अदू<ref>दुश्मन</ref> जिसका बयाँ
कोई मजमूँ किसी उन्वाँ नहीं करने देते
जान बाक़ी है तो करने को बहुत बाक़ी है
अब वो जो कुछ केः मेरी जाँ नहीं करने देते
शब्दार्थ
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