बेरोजगार युवक युवती ये दर दर भटकैं हे / रणवीर सिंह दहिया
बेरोजगार युवक युवती ये दर-दर भटकैं हे॥
गोली चला एक दूजे पै ख़ुद फंदे पै लटकैं हे॥
1.
धरती बाँटे आवै दो किले होता नहीं गुजारा
ब्याह होने हुए मुश्किल हांडे जावै सै कंवारा
इसे बख्त मात पिता की सलाह भी खटकैं हे॥
गोली चला एक दूजे पै ख़ुद फंदे पै लटकैं हे॥
2.
खेत मजदूरी कम होगी और काम मिलता ना
बुसे बुसे मूंह होगे चेहरा कदे भी खिलता ना
हारी बीमारी के कर्जे सालां सिर पै लटकैं हे॥
गोली चला एक दूजे पै ख़ुद फंदे पै लटकैं हे॥
3.
सरकारी नौकरी कम होगी या छागी ठेकेदारी
मुश्किल होवै सै गुज़ारा वैश्यावृति की लाचारी
दर दर की ठोकर खाणी सुखी रोटी अटकैं हे॥
गोली चला एक दूजे पै ख़ुद फंदे पै लटकैं हे॥
4.
किसान फांसी खावैं सैं लुटग्या आज यो कमेरा
मुठ्ठी भर मौज करैं सैं म्हारी खातर घोर अँधेरा
रणबीर विरोध करां तै जेल मैं लेजा पटकैं हे॥
गोली चला एक दूजे पै ख़ुद फंदे पै लटकैं हे॥