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बेवफा से प्यार कैसा / कैलाश झा 'किंकर'

बेवफा से प्यार कैसा
आपसे इकरार कैसा।

आप तो पैसों पर मरते
दिल बिना दिलदार कैसा।

प्रेम बिन घर बस न पाता
आपसी तकरार कैसा।

कर दिया कर्तव्य अपना
आप पर उपकार कैसा।

जो अहंकारी बहुत है
उसका है परिवार कैसा।

आप तो हैं मीत मेरे
आपसे इन्कार कैसा।