उड़ीस, चिल्लर अरो जूं केॅ
आदमीं
गाँव से धकिया देलकै
तहिये सेॅ ऊ सब शहर के
कोय-न-कोय
दफ्तर मेॅ मिलिये जाय छै।
अनुवाद:
खटमल, चिल्लर और जूं को
आदमी ने
गाँव से भगा दिया
तब से वे शहर के
किसी न किसी
दफ्तर में विराजमान हैं।
उड़ीस, चिल्लर अरो जूं केॅ
आदमीं
गाँव से धकिया देलकै
तहिये सेॅ ऊ सब शहर के
कोय-न-कोय
दफ्तर मेॅ मिलिये जाय छै।
अनुवाद:
खटमल, चिल्लर और जूं को
आदमी ने
गाँव से भगा दिया
तब से वे शहर के
किसी न किसी
दफ्तर में विराजमान हैं।