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बैल बियावै, गैया बाँझ / 14 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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चिड़ा नेॅ
एक दिन चिड़ियाँ सेॅ कहलकै-
हमरोॅ लम्बा औरदा लेॅ
तोहें व्रत कैन्हे नी रखै छोॅ?
चिड़िया कहलकै-
देखौ हौ जनानी केॅ
जबेॅ-जबेॅ वैं व्रत रखै छै
तबेॅ-तबेॅ ओकरोॅ पति
पड़ोसी के घरोॅ मेॅ मिलै छै।

अनुवाद:

चिड़ा ने
एक दिन चिड़ी से कहा-
उसके लम्बी आयु के लिए
तुम व्रत क्यों नहीं रखती?
चिड़ी ने कहा-
देखो उस महिला को
जब-जब वह व्रत रखती है
तब-तब उसका पति
पड़ोसी के घर में होता है।