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बैल बियावै, गैया बाँझ / 19 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

गदहा गाँव सेॅ निकली
दूसरोॅ भाय केॅ खोजै लेॅ
शहर चल्लोॅ गेलै
वहाँ भाय तेॅ मिली गेलै
मतरवैं ओकरा
जानै-पहचानै सेॅ मुकरी गेलै।

अनुवाद:

गदहा गाँव से निकल
दूसरे भाई को ढूंढने
शहर चला गया
वहाँ भाई तो मिल गया
किन्तु उसने उसे
पहचानने से इन्कार कर गया।