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बैल बियावै, गैया बाँझ / 21 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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आदमीं
भगवान सेॅ पुछलकै-
गाय-भैस केरोॅ आँख
बड़ोॅ-बड़ोॅ कैन्हें होय छै?
भगवानें कहलकै-
कैन्हें कि मक्कारोॅ रोॅ आँख
हम्मेॅ छोटोॅ-छोटोॅ बनैलेॅ छियै।
अनुवाद:
आदमी ने
भगवान से पूछा-
गाय-भैंस की आँखें
बड़ी-बड़ी क्यों होती हैं
भगवान ने कहा-
क्योंकि मक्कारों की आँखें
छोटी-छोटी जो बनायी हैं।