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बैल बियावै, गैया बाँझ / 24 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
Kavita Kosh से
कुत्ता सेॅ
लड़तेॅ, सियारें कहलकै-
तोहें आदमी के साथें की रहले
वफादारिये छोड़ी देलैं
आदमी होय गेलैं।
अनुवाद:
कुत्ते से
भिड़ते हुए सियार ने कहा-
तुम क्या रहे कि आदमी के साथ
वफादारी खो दी
आदमी बन गये।