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बैल बियावै, गैया बाँझ / 43 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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हथिनी हाथी सेॅ कहलकै-
तोहें अपनोॅ पीलवान केॅ कैन्हें मारलौ
हाथीं कहलकै-
वैं हमरा पर अंकुश करेॅ लागलै
हम्मेॅ समझी गेलियै
ऊ आदमी बनेॅ लागलै।

अनुवाद:

हथिनी ने हाथी से कहा-
तुमने अपने पीलवान को क्यों मारा?
हाथी ने कहा-
वह उसपर अंकुश करने लगा
मैं समझ गया
वह आदमी बनने लगा।