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बैल बियावै, गैया बाँझ / 44 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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विधिं विधाता सेॅ पुछलकै
आदमी केॅ जानवरोॅ के गुण
केनोआवी गेलै?
विधातां कहलकै-
जोॅन चक्की पर
जानवर बनाय रहलोॅ छेलियै
भूलोॅ सेॅ वहा चक्की पर
आदमी बनावेॅ लागलियै
यही सेॅ आदमी मेॅ
जानवर के गुणआवी गेलै।
अनुवाद:
विधि ने विधाता से पूछा
आदमी में जानवर का गुण
कैसे आ गया?
विधाता ने कहा-
जिस चक्की पर
जानवर बना रहा था
भूल से उसी चक्की पर
आदमी बनाने लगा
इसीसे आदमी में
जानवर का गुण आ गया।