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बैल बियावै, गैया बाँझ / 45 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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एकटा जनानी केॅ
गिरोह जंगल लै गेलै
आरो गिरोह के आदमी बारी-बारी सेॅ
व्यभिचार करलकै
फेनू ओकरोॅ गल्लो दबाय देलकै
ई सब देखी
जंगली जानवरें कहलकै-
हेनोॅ आदमिये करेॅ पारेॅ।
अनुवाद:
एक महिला को
गिरोह जंगल ले गया
उसके साथ बारी-बारी से
बलात्कार किया।
फिर उसका गला दबा दिया
यह सब देख
जंगली जानवरों ने कहा-
ऐसा तो आदमी ही कर सकता है।