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बैल बियावै, गैया बाँझ / 4 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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शेरें देखलकै
गिद्ध माँसोॅ के टुकड़ा लेलेॅ
उड़लोॅ जाय छेलै
वैं ओकरा बोलैलकै।
कुच्छू देर बाद
गिद्ध हाजिर भेलै
तेॅ आश्चर्यचकित होतेॅ शेरें पुछलकै-
अभिये अभी तेॅ तोरोॅ लोलोॅ मेॅ
माँस फँसलोॅ देखलेॅ छेलियै
वैमेॅ फोॅल कहाँ सेॅ ऐलै?
गिद्धें मासूमियत सेॅ कहलकै-
आदमी के चालबाजी सेॅ।

अनुवाद:

शेर ने देखा
गिद्ध माँस का टुकड़ा लिए
उड़ा जारहा था
उसने उसे बुलाया।
कुछ देर बाद
गिद्ध हाजिर हुआ।
आश्चर्यचकित होकर शेर ने पूछा-
अभी-अभी तो तुम्हारी चोंच में
माँस देखा था
फल कहाँ से आया?
गिद्ध ने मासूमियत से कहा-
आदमी की चालबाजी से।