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बैल बियावै, गैया बाँझ / 53 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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एक टा जनानीं
बुतरू केॅ लेलेॅ भालू सेॅ कहलकै-
एकरा पीछू सेॅ फूँकी दौ
भालूं कहलकै-
ई बिना फुकले
होने आदमी होतै।
अनुवाद:
एक महिला ने
बच्चे को लिए
भालू सेकहा
इसे पीछे से फूंक लगा दो
भालू ने कहा-यह बिन फूंके
वैसा ही आदमी होगा।