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बैल बियावै, गैया बाँझ / 56 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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शेर आरो शैतान
बतियाय रहलोॅ छेलै
वही ठां बैठलोॅ एक आदमीं
अपनोॅ बच्चा केॅ
डाँटतेॅ कहलकै-
शैतान कहीं का।
तेॅ नगीचे मेॅ खाड़ोॅ शैतानें
विरोध करतेॅ कहलकै-
खबरदार, जों शैतान केॅ बदनाम करलैं
शैतान आदमी सेॅ कहीं अच्छा छै।
अनुवाद:
शेर और शैतान
बातें कर रहे थे
वहीं पर बैठा एक आदमी ने
अपने बच्चे को
डांटते हुए कहा-
शैतान कहीं का।
तो बगल में खड़े शैतान ने
प्रतिकार करते हुए कहा-
खबरदार जो शैतान को बदनाम किया
शैतान आदमी से कहीं अच्छा है।