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बैल बियावै, गैया बाँझ / 63 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

दिघोंचे
मादा विघोंच सेॅ कहलकै-
आदमी कसम खाय लेॅ जानै छै
निभाय लेॅ नै
हम्मेॅ कसमे नै खाय छियै
निभैवो करै छियै।

अनुवाद:

दिघोंच ने
मादा दिघोंच से कहा-
आदमी कसमें खाना जानता है
निभाना नहीं;
वह कसमें नहीं खाता
निभाना जानता है।