छुछुन्दरें
छुछन्दरी सें कहलकै-
आदमी हमरे सब नाँखि नंगा छै
गंधावै छै, महकै छै
जिल्लत झेलै आरो झेलावै छै
तहियो आदमी कहावै छै।
अनुवाद:
छुछुन्दर ने
छुछुन्दरी से कहा-
आदमी हमसे कैसे अलग
वह भी गंधाता है, महकता है
जिल्लत झेलता और झेलाता है,
तब भी आदमी कहलाता है।