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बॉलीवुड / पंछी जालौनवी

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रफ़्ता रफ़्ता ख़त्म हो गये
ये सारे डिस्कशन
हम अपने घरों में क़ैद रहे
ख़ुदको किये हुये थे बंद
और हमारी ही ज़मीं से
कुछ उजाले चले गये
परछाइयां छोड़ के अपनी चंद
ऋषि कपूर ,वाजिद और इरफ़ान
बासु दा ,रतन चोपड़ा और सुशांत
और इनके सिवा भी कई
जिनकी तस्वीर धूमिल हो गई
कोई किरदार कल्पना
कोई अदा छोड़ गया
कोई सुरताल कोई हौसला
कोई क़िस्मत का लिखा छोड़ गया
सबकुछ वीरान सा लगता है
उदास रंगीनियों में चमक है
सोचो तो एक हूक सी उठती है
कितना तन्हा दिलका फ़लक है
क्या कहूं कैसे कहूं किससे कहूं
चोट जो दिलपे है लगी
सबको ख़िराज ऐ अक़ीदत
सबको श्रृद्धांजलि ॥