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बोनसाई / भारतरत्न भार्गव
Kavita Kosh से
स्वच्छन्द गर्वोन्नत क़द्दावर पेड़ों की सन्तानें
किस प्रलोभन से
सुसज्जित कक्षों की शोभा बढ़ातीं
किसका अहम् करते हैं तुष्ट
ये बोनसाई
अपनी शाखों पत्तियों जड़ों को
काट दिए जाने पर
क़ैद हो जाती छोटे से प्याले में
क़द्दावर पेड़ों की आधुनिक सन्तानें
मरती नहीं कभी भी
सीख रही हैं
हाथ - पाँव - मुण्ड काट दिए जाने पर भी
जीवित रहने की कला
ये बोनसाई सन्तानें !